Tuesday, November 27, 2018

मां-जुड़वां बच्चों के बाद पति की भी मौत

 निमोनिया से पीड़ित पति की हालत बिगड़ने का पता चलने के बाद सात महीने की गर्भवती महिला ने एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। पड़ोसियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां खून से लथपथ हालत में उसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया और खुद दम तोड़ दिया। तीन घंटे बाद दोनों मासूम बगैर आंख खोले ही इस दुनिया से चले गए। उनके कुछ देर बाद वेंटिलेटर पर चल रहे पति की भी मौत हो गई। महिला के भाई का कहना है कि उसे लगा कि पति की मौत हो चुकी है, इसलिए उसने यह कदम उठा लिया

दिल दहला देने वाली यह घटना सोमवार दोपहर करीब दो बजे कोलार के स्वरूप साईंनाथ नगर में हुई। यहां मुलताई के रहने वाले 37 वर्षीय मनोज गोहे पत्नी गायत्री के साथ रहते थे। मनोज कार फाइनेंस का काम करते थे। दोनों ने 10 साल पहले प्रेम विवाह किया था।

12 नवंबर को मनोज खांसी और बुखार का चैकअप कराने बंसल अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों ने तकलीफ ज्यादा बढ़ने का हवाला देकर उन्हें भर्ती कर लिया। गायत्री को सात महीने का गर्भ था, लिहाजा मनोज ने उन्हें अस्पताल आने के लिए मना कर दिया। सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे गायत्री ने अस्पताल में मौजूद देवर तरुण को फोन किया। पति का हाल पूछा तो देवर ने कहा कि भाभी आप अस्पताल आ जाओ।

करीब 40 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई
गायत्री को अस्पताल लाने के लिए तरुण ने मनोज के पड़ोसी को कार निकालने के लिए कहा था। घर पर अमूमन गाउन पहनकर रहने वाली गायत्री ने सलवार सूट पहना और फ्लैट से बाहर निकल आईं। हल्के-हल्के चलते हुए वह कॉलोनी के गेट से बाहर निकली और तीन प्लॉट छोड़कर एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर जा पहुंची और करीब 40 फीट की ऊंचाई से छलांग लगा दी। पहले वह कॉलोनी की बाउंड्रीवॉल पर लगी ग्रिल पर गिरी, फिर सड़क पर आकर गिरी।

10 साल बाद घर में किलकारी का इंतजार था

गायत्री के बड़े भाई नरेश ने बताया कि शादी के 10 साल बाद भी गायत्री को कोई संतान नहीं थी। शहर और उसके बाहर शायद ही कोई ऐसा स्पेशलिस्ट डॉक्टर बचा हो, जहां मनोज और गायत्री न गए हों। किसी रिश्तेदार ने जानकार बाबा की सलाह दी तो बच्चे की चाह में दोनों उससे भी मिलने पहुंच गए। घर में बेहद खुशियों का माहौल था। गायत्री को सात महीने का गर्भ था, वो भी जुड़वां। दोनों के परिवारों को इस खुशी का बेसब्री से इंतजार था।

आंखें खोले बगैर ही दुनिया छोड़ गए मासूम
नरेश के मुताबिक, "पड़ोसियों की मदद से खून से लथपथ गायत्री को पास के अनंतश्री अस्पताल पहुंचाया गया। सांसें थमने से पहले गायत्री ने अपने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। इनमें एक बेटा और एक बेटी थे। इसके लिए डॉक्टरों को ऑपरेशन भी करना पड़ा। बच्चों को जन्म देते ही गायत्री की मौत हो गई। अब तक दोनों बच्चे जिंदा थे, लेकिन वेंटिलेटर पर। उन्होंने तो अभी आंखें भी नहीं खोली थीं। दोनों महज तीन घंटे ही जिंदा रह सके।"

Tuesday, November 13, 2018

वॉर्नर, स्मिथ के नहीं होने से ऑस्ट्रेलिया कमजोर

 भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का कहना है कि स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर के नहीं होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम कमजोर है, लेकिन उसे हराना आसान नहीं है। टीम इंडिाय को ऑस्ट्रेलिया की धरती पर जीत हासिल करने के लिए ठोस रणनीति की जरूरत है। इस साल केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए तीसरे टेस्ट में बॉल टैम्परिंग के कारण स्मिथ और वॉर्नर पर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था

एसीए की मांग मान सकता है सीए

खबरें हैं कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) दोनों पर से प्रतिबंध हटाने की ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स संघ (एसीए) की मांग को मान सकता है। शमी ने यहां बंगाल और मध्य प्रदेश के बीच रणजी ट्रॉफी के ग्रुप-बी के मैच के इतर कहा, "अगर वे दोनों नहीं खेलते हैं तो ऑस्ट्रेलियाई टीम निश्चित तौर पर कमजोर होगी, लेकिन आखिर में आपको अपनी रणनीति और मजबूती पर टिके रहना पड़ेगा।"

सीए ने स्वतंत्र समिति से कराई है जांच

स्मिथ, वॉर्नर के अलावा इस मामले में बल्लेबाज कैमरुन बैनक्रॉफ्ट पर भी प्रतिबंध लगा है। हालांकि, बैनक्रॉफ्ट के खिलाफ नौ महीने का ही प्रतिबंध है। मामले में सीए ने जांच के लिए स्वतंत्र समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस विवाद के लिए टीम की हर हाल में जीत की मनोदशा को कारण बताया था। रिपोर्ट आने के बाद से एसीए ने सीए पर इन खिलाड़ियों से प्रतिबंध हटाने के लिए काफी दबाव बनाया है।

वीडियो देखकर भी तैयारी कर रहे हैं हम ः शमी

ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम की तैयारी पर पूछने पर शमी ने कहा, "एक तेज गेंदबाजी इकाई के तौर पर हमने इंग्लैंड में काफी अच्छा किया था। हम ऑस्ट्रेलिया दौरे की तैयारी कर रहे हैं और कई वीडियो देख रहे हैं। हमारी कोशिश सीरीज पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने की है, क्योंकि हमारे विपक्षी मजबूत हैं। हम लाइन और लेंथ सही रखने पर काम करेंगे।"

जब मैंने इसे लिखना शुरू किया तो शुरुआत में मैं जानती थी कि दिमाग में चल रहे सभी इमोशंस को मैं शब्दों में व्यक्त करने में सक्षम नहीं रहूंगी।  हसबैंड, साथी, बेस्ट फ्रेंड, माय रॉक...मेरे लिए ये सब गोल्डी बहल हैं। शादी एक-दूसरे के साथ खड़े होने का नाम है, अच्छे-बुरे समय में, बीमारी में, स्वास्थ्य में और भगवान जानता है कि इन सालों में हम कैसे रहे। ज्यादातर लोगों को यह अहसास नहीं होता कि कैंसर किसी एक व्यक्ति की जंग नहीं है। बल्कि यह ऐसी बीमारी है, जिसका सामना पूरे परिवार को करना पड़ता है।

सोनाली आगे लिखती हैं-

मैं इस यात्रा से गुजरने में सक्षम थी। क्योंकि मैं जानती थी कि तुम अपनी सभी जिम्मेदारियां संभाल लोगे और कुछ और ले भी लोगे। शुक्रिया हर कदम पर मेरी स्ट्रेंथ, मेरा प्यार और मेरी खुशी बनने के लिए। मैं जो महसूस कर रही हूं, उसके लिए शुक्रिया एक अंडरस्टेटमेंट है। मैं उसके लिए क्या कहूं, जो आपका हिस्सा है, जो आपका है और उसके अलावा कोई और मायने नहीं रखता। हैप्पी एनिवर्सरी गोल्डी।

2002 में हुई थी शादी: सोनाली ने 12 नवंबर 2002 को गोल्डी बहल से शादी की। गोल्डी फिल्ममेकर हैं। उन्होंने अंगारे (1998), द्रोणा (2008) और यू मी और हम (2013) जैसी फिल्में को-प्रोड्यूस की हैं। वे टीवी पर रिपोर्टर्स (2015) और आरंभ (2017) जैसे शोज डायरेक्ट और प्रोड्यूस कर चुके हैं। सोनाली और गोल्डी 13 साल के बेटे रणवीर बहल के पेरेंट्स हैं। जुलाई में सोनाली ने इस बात का खुलासा किया था कि वे कैंसर से जूझ रही हैं। तभी से वे न्यूयॉर्क में इलाज करा रही हैं। गोल्डी कभी न्यूयॉर्क जाकर सोनाली को सपोर्ट करते हैं तो कभी मुंबई आकर घर की जिम्मेदारियां निभाते हैं।